लेखनी कहानी -08-Dec-2021पति पत्नी के जीवन का सार।
पति पत्नी का सुंदर रिश्ता, रिश्ता है अनमोल..
कोई इन के बीच में पड़कर ,बोले न कोई बोल।
हे... मानव ,बोले ना ..कोई गलत बोल..
झूठ मूठ को ये लड़े ,लेकिन.. सच्ची इनकी प्रीत..
निभाते चाहे लड़ या प्यार से या यह भारत की रीत।
हे ..मानव, ये भारत.. की रीत...
जगमगाती तारों की रोशनी, और चंदा के साथ...
सात फेरे,सात वचनों में बंधकर बंध गये इनके हाथ..
हे ..मानव ,बंध गये ..इन दोनों के भाग...
कभी मुख्य पद हैं संभाले, ये पति बन परमेश्वर...
कभी कमान परिवार की ताने... पत्नी बन अखिलेश्वर..
हे..मानव, बन ..पत्नी अखिलेश्वर…
जिंदगी की धूप छांव, सहते हैं दोनों मिल...
कहसुनी जब बढ़ने लगे ,अधरों को लेते है सील..
हे ..मानव ,अधरों... को लेतें हैं बारी बारी सील..
नोक झोक के बिना भी इनकी, नहीं चलती हैं गाड़ी...
कभी अगाडी पत्नी हैं कभी पति बने पिछाड़ी..
हे ..मानव, दोनों बने.. बारी बारी अगाड़ी..
ये संसार माया जाल हैं, ये जीवन का अद्भुत सार..
पति पत्नी के रिश्ते में ..एक विश्वास है अटूट प्यार..
हे मानव ,एक विश्वास है ...दोनों का प्यार..
Chirag chirag
09-Dec-2021 04:58 PM
Nice
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Seema Priyadarshini sahay
09-Dec-2021 04:32 PM
बहुत सुंदर रचना।
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Swati chourasia
09-Dec-2021 06:51 AM
Very beautiful 👌
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